गणेश चतुर्थी ganesh chaturthi | श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र | sankat nashan ganesh stotram

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श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र से मन चाही इच्छा होगी पूरी।

  • गणेश जी का नाम सभी देवी देवताओं में सर्वप्रथम लिया जाता है। इसलिए इन्हें गणपति, प्रथमपूज्य के नाम से पुकारा जाता है। गणेश जी शिवजी जी और पार्वती के पुत्र। और इनका मुख हाथी के समान होने के कारण गजानन आदि अनेक नामों से भी जाना जाता है।
  • श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र मैं गणेश जी के 12 नामों का वर्णन है और इस पूरे स्तोत्र का जो भी पाठ करता है उसकी मनचाही इच्छा पूरी हो जाती है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह संकट नाश करने वाला स्तोत्र है। इस गणेश स्तोत्र को विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है।
  • श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र में 8 संस्कृत श्लोक है जिन्हें हमने हिंदी अर्थ के साथ नीचे आपके सामने प्रस्तुत किया हैं।..

श्रीसंकटनाशनगणेशस्तोत्र

प्रणम्य शिरसा देवं
गौरीपुत्रं विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं
आयुःकामार्थसिद्धये।1

हिंदी अर्थ := मैं सर झुका के प्रणाम करता हूं देवी गौरी के पुत्र विनायक ( गणेश ) को।
जो भक्त इनका नित्य स्मरण करता रहता है उनकी आयु, कामना और अर्थ सिद्ध हो जाता है। ।।1।।


प्रथमं वक्रतुण्डं च
एकदन्तं द्वितीयकम् ।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं
गजवक्त्रं चतुर्थकम्। 2

हिंदी अर्थ := पहला वक्रतुण्ड ( टेढे मुख वाले ) और एकदन्त ( एक दाँतवाले ) दुसरा।
तीसरा कृष्ण पिङ्गाक्ष ( काली और भूरी आँख वाले ), गजवक्त्र ( हाथी के समान मुख वाले) चौथा।।2।।


लम्बोदरं पञ्चमं च
षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं

धूम्रवर्णं तथाष्टमम्। 3

हिंदी अर्थ := लम्बोदरं ( बड़े पेट वाले ) पाँचवा और छठा विकट (भयंकर, भयानक)।
साँतवा विघ्नराजेन्द्र ( विध्नों पर शासन करने वाला राजाधिराज) तथा धूम्रवर्ण (धूसर वर्ण वाले) आठवां।।3।।


नवमं भालचन्द्रं च
दशमं तु विनायकम्।
एकादशं गणपतिं

द्वादशं तु गजाननम्। 4

हिंदी अर्थ := नवाँ भालचन्द्र ( जिसके ललाट पर चन्द्र सुशोभित है ) और दसवाँ विनायक ( पापो का विनाश करने वाले )।
ग्यारवाँ गणपति ( दिशाओं के पति, स्वामी ) बारहवाँ गजानन ( गज के समान आंखों वाले ) ।।4।।


द्वादशैतानि नामानि
त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य

सर्वसिद्धिकरः प्रभुः। 5

हिंदी अर्थ := जो मनुष्य इन बाहर नामों का त्रिसन्ध्य ( तीनों सन्धायों प्रातः, मध्यान्ह और सांयकाल) में पाठ करता है।
उसे किसी प्रकार के विध्न का भय नहीं रहता और सभी प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती है।।5।।


विद्यार्थी लभते विद्यां
धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्राम्

मोक्षार्थी लभते गतिम्। 6

हिंदी अर्थ := इससे विद्यार्थी को विद्या प्राप्त होती है, धन की कामना रखने वाले को धन प्राप्त होता है।
पुत्र की इच्छा करने वाले को पुत्र की प्राप्ति होती है, मोक्ष की इच्छा करने वाले को मोक्ष प्राप्त होता है।।6।।


जपेद्गणपतिस्तोत्रं
षड्भिर्मासैः फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च

लभते नात्र संशयः। 7

हिंदी अर्थ := जो इस गणपति स्तोत्र का पाठ करता है छहः मास के अंदर उसको इच्छित फल की प्राप्ति हो जाती है।
तथा एक संवत्सर में पूर्ण सिद्धि की प्राप्ति हो जाती है इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है ।।7।।


अष्टेभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च
लिखित्वा यः समर्पयेत् ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा

गणेशस्य प्रसादतः। 8

हिंदी अर्थ := आठ ब्राह्मणों को जो मनुष्य इसे लिखकर देता है।
उसे सभी प्रकार की विद्या गणेश जी की कृपा से प्राप्त हो जाती है।।8।।


pranamya shirasa devam lyrics in english

Pranamya Shirasa Devam Gauri Putram Vinayakam
Bhaktavasam SmareNityam Ayuhu Kamartha Siddhaye.1

Prathamam Vakratundam Cha Ekadantam Dwitiyakam
Tritiyam KrishnaPingaksha GajaVaktram Chaturbhujam.2

Lambodaram Panchamam cha Shashtham Vikatmev cha
Saptamam Vighna Rajendram Dhumra Varnam That Ashtakam.3

Navamam Balachandran cha Dushman tu Vinayaka
Ekadasham Ganapatim, Dwadasham tu Gajananam.4

Dwadashaitani Namani Trisandhyai Yah Pathennarh
Na Cha Vigna Bhayam Tasya Sarva Siddhi Karam Prabho.5

Vidyarthi Labhate Vidyam, Dhanarthi Labhate Dhanam
Putrarthi Labhate Putram, Moksharthi Labhate Gatim.6

Japed Ganapati Stotram Shadbhir Masaihi Falam Labhet
Samvastarena Siddhim Cha Labhate Natra Sanshayh.7

Ashtobhyo Bhahmanebhyascha Likhitva Yah Samarpayet
Tasya Vidya Bhavet Sarva Ganeshsya Prasadatah.8


श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र पाठ के लाभ ?

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से जातक की हर मनोकामना पूर्ण होती है, मन को शांति मिलती है, आपके जीवन के सभी प्रकार के बुराइयों को दूर रखता है और आपको स्वस्थ धनी और समृद्ध बनाता है।

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ कैसे करे ?

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र पाठ के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने श्री संकष्ट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। स्तोत्र का पाठ छंद तथा लय में होना चाहिए।

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र में कितने श्लोक है ?

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र में 8 श्लोक है।

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र को कहां से लिया गया है ?

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र को नारद पुराण से लिया गया है।


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3 COMMENTS

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    Thanks!

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