संस्कृत सूक्तियाँ (हिन्दी और अंग्रेजी अर्थ सहित) Quote

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संस्कृत भाषा में ज्ञान का भंडार छिपा हुआ है। यह हमें जीवन, नैतिकता, और संबंधों के बारे में गहन दृष्टिकोण प्रदान करती है। सुभाषित छोटे लेकिन गहन और सारगर्भित श्लोक होते हैं जो जीवन को दिशा देने वाली सीख देते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ सुंदर संस्कृत सुभाषित प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनका अर्थ हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया गया है।

सूक्ति

“अङ्कमारुह्य सुप्तं हि हत्वा किं नाम पौरुषम्।”

हिंदी में अर्थ : गोद में सोए हुए (निष्क्रिय) व्यक्ति को मारकर कौन सा पुरुषार्थ (वीरता) कहा जा सकता है?

English Translation : What kind of bravery is it to kill someone who is asleep and helpless in your lap?

व्याख्या : यह सुभाषित सच्ची वीरता और नैतिकता की परिभाषा बताता है। इसमें यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे को मारता है जो सोया हुआ है और प्रतिकार करने में असमर्थ है, तो उसे वीरता नहीं कहा जा सकता। सच्ची वीरता तब होती है जब व्यक्ति अपने बराबर या उससे अधिक शक्ति वाले के साथ न्यायपूर्ण और साहसी ढंग से मुकाबला करता है। यह सुभाषित हमें सिखाता है कि नैतिकता और साहस के बिना किया गया कोई भी कार्य, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली या वीरतापूर्ण दिखे, वास्तविकता में साहस या पुरुषार्थ नहीं कहलाता।

Explanation : This subhashita defines true bravery and moral courage. It emphasizes that if someone kills a person who is asleep and defenseless, it cannot be called an act of bravery. True courage is shown when one confronts an equal or stronger opponent in a just and honorable manner. This verse teaches us that without morality and fairness, no action, regardless of how powerful or brave it appears, can be considered true valor or courage.


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