Monday, November 25, 2024
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 20 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग त्यक्त्वा कर्मफलासङ्गं नित्यतृप्तो निराश्रय: |कर्मण्यभिप्रवृत्तोऽपि नैव किञ्चित्करोति स: || २० || tyaktvā karma-phalāsaṅgaṁ nitya-tṛipto nirāśhrayaḥkarmaṇyabhipravṛitto ’pi naiva kiñchit karoti saḥ Hindi...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 19 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग यस्य सर्वे समारम्भा: कामसङ्कल्पवर्जिता: |ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहु: पण्डितं बुधा: || १९ || yasya sarve samārambhāḥ kāma-saṅkalpa-varjitāḥjñānāgni-dagdha-karmāṇaṁ tam āhuḥ paṇḍitaṁ budhāḥ Hindi Translation:-...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 18 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग कर्मण्यकर्म य: पश्येदकर्मणि च कर्म य: |स बुद्धिमान्मनुष्येषु स युक्त: कृत्स्नकर्मकृत् || १८ || karmaṇyakarma yaḥ paśhyed akarmaṇi cha karma...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 17 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं बोद्धव्यं च विकर्मण: |अकर्मणश्च बोद्धव्यं गहना कर्मणो गति: || १७ || karmaṇo hyapi boddhavyaṁ boddhavyaṁ cha vikarmaṇaḥakarmaṇaśh...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 16 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग किं कर्म किमकर्मेति कवयोऽप्यत्र मोहिता: |तत्ते कर्म प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात् || १६ || kiṁ karma kim akarmeti kavayo ’pyatra mohitāḥtat...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 15 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभि: |कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वै: पूर्वतरं कृतम् || १५ || evaṁ jñātvā kṛitaṁ karma pūrvair...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 14 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर्मफले स्पृहा |इति मां योऽभिजानाति कर्मभिर्न स बध्यते || १४ || na māṁ karmāṇi...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 13 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागश: |तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम् || १३ || chātur-varṇyaṁ mayā sṛiṣhṭaṁ guṇa-karma-vibhāgaśhaḥtasya kartāram api māṁ viddhyakartāram avyayam Hindi...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 12 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग काङ् क्षन्त: कर्मणां सिद्धिं यजन्त इह देवता: |क्षिप्रं हि मानुषे लोके सिद्धिर्भवति कर्मजा || १२ || kāṅkṣhantaḥ karmaṇāṁ siddhiṁ yajanta...
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Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 11 | श्रीमद्भगवद्गीता

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श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् |मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्या: पार्थ सर्वश: || ११ || ye yathā māṁ prapadyante tāns tathaiva...