Srimad Bhagavad Gita Chapter 5 | कर्मसंन्यासयोग
भगवद गीता अध्याय 5 कर्मसंन्यासयोग
5.15.25.35.45.55.65.75.85.95.105.115.125.135.145.155.165.175.185.195.205.215.225.235.245.255.265.275.285.29
Chapter 4
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Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 29 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
भोक्तारं यज्ञतपसां सर्वलोकमहेश्वरम् |सुहृदं सर्वभूतानां ज्ञात्वा मां शान्तिमृच्छति || २९||
bhoktāraṁ yajña-tapasāṁ sarva-loka-maheśhvaramsuhṛidaṁ sarva-bhūtānāṁ jñātvā māṁ śhāntim ṛichchhati
Hindi Translation:- मेरा...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 27-28 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
स्पर्शान्कृत्वा बहिर्बाह्यांश्चक्षुश्चैवान्तरे भ्रुवो: |प्राणापानौ समौ कृत्वा नासाभ्यन्तरचारिणौ || २७ ||यतेन्द्रियमनोबुद्धिर्मुनिर्मोक्षपरायण: |विगतेच्छाभयक्रोधो य: सदा मुक्त एव स: || २८ ||
sparśhān...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 26 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
कामक्रोधवियुक्तानां यतीनां यतचेतसाम् |अभितो ब्रह्मनिर्वाणं वर्तते विदितात्मनाम् || २६ ||
kāma-krodha-viyuktānāṁ yatīnāṁ yata-chetasāmabhito brahma-nirvāṇaṁ vartate viditātmanām
Hindi Translation:- काम क्रोध से...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 25 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषय: क्षीणकल्मषा: |छिन्नद्वैधा यतात्मान: सर्वभूतहिते रता: || २५ ||
labhante brahma-nirvāṇam ṛiṣhayaḥ kṣhīṇa-kalmaṣhāḥchhinna-dvaidhā yatātmānaḥ sarva-bhūta-hite ratāḥ
Hindi Translation:- जिनके सब...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 24 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
योऽन्त:सुखोऽन्तरारामस्तथान्तज्र्योतिरेव य: ।स योगी ब्रह्मनिर्वाणं ब्रह्मभूतोऽधिगच्छति ।। २४ ।।
yo 'ntaḥ-sukho 'ntar-ārāmas tathāntar-jyotir eva yaḥsa yogī brahma-nirvāṇaṁ brahma-bhūto 'dhigachchhati
Hindi Translation:-...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 23 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
शक्नोतीहैव य: सोढुं प्राक्शरीरविमोक्षणात् |कामक्रोधोद्भवं वेगं स युक्त: स सुखी नर: || २३ ||
śhaknotīhaiva yaḥ soḍhuṁ prāk śharīra-vimokṣhaṇātkāma-krodhodbhavaṁ vegaṁ...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 22 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
ये हि संस्पर्शजा भोगा दु:खयोनय एव ते |आद्यन्तवन्त: कौन्तेय न तेषु रमते बुध: || २२ ||
ye hi sansparśha-jā bhogā...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 21 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
बाह्यस्पर्शेष्वसक्तात्मा विन्दत्यात्मनि यत्सुखम् |स ब्रह्मयोगयुक्तात्मा सुखमक्षयमश्नुते || २१ ||
bāhya-sparśheṣhvasaktātmā vindatyātmani yat sukhamsa brahma-yoga-yuktātmā sukham akṣhayam aśhnute
Hindi Translation:- बाहर के...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 20 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
न प्रहृष्येत्प्रियं प्राप्य नोद्विजेत्प्राप्य चाप्रियम् |स्थिरबुद्धिरसम्मूढो ब्रह्मविद् ब्रह्मणि स्थित: || २० ||
na prahṛiṣhyet priyaṁ prāpya nodvijet prāpya chāpriyamsthira-buddhir asammūḍho...