श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
श्रीभगवानुवाच
बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन |
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप || ५ ||
śhrī bhagavān uvācha
bahūni me vyatītāni janmāni tava chārjuna
tānyahaṁ veda sarvāṇi na tvaṁ vettha parantapa
Hindi Translation:- श्रीभगवान् बोले -: हे परंतप अर्जुन ! मेरे और तेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं। उन सब को तू नहीं जानता, किंतु मैं जानता हूँ।
English Translation:- The Lord looked upon Arjuna and replied -: Arjuna, the answer to your question is simple. You are forgetting, O Son of Kunti, the both you and I have taken many births in this world together. However, only I, Lord, can remember this; you cannot.
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