श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभि: |
कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वै: पूर्वतरं कृतम् || १५ ||
evaṁ jñātvā kṛitaṁ karma pūrvair api mumukṣhubhiḥ
kuru karmaiva tasmāttvaṁ pūrvaiḥ pūrvataraṁ kṛitam
Hindi Translation:- पूर्व काल में मुमुक्षुओं ने भी इस प्रकार जानकर ही कर्म किये हैं। इसलिये तू भी पूर्वजों द्वारा सदा से किये जाने वाले कर्मों को ही कर।
English Translation:- The Lord continued -: O Arjuna, ancient wise men who were searching for salvation in me, knew the facts well. However they even performed actions. Therefore O Arjuna, continue performing your actions doing your Karma as your ancestors once did in the past.
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