श्रीमद् भगवद् गीता तृतीय अध्याय कर्मयोग
तस्मात्त्वमिन्द्रियाण्यादौ नियम्य भरतर्षभ |
पाप्मानं प्रजहि ह्येनं ज्ञानविज्ञाननाशनम् || ४१ ||
tasmāt tvam indriyāṇyādau niyamya bharatarṣhabha
pāpmānaṁ prajahi hyenaṁ jñāna-vijñāna-nāśhanam
Hindi Translation:- इसलिये हे अर्जुन ! तू पहले इन्द्रियों को वश में करके इस ज्ञान और विज्ञान का नाश करने वाले महान् पापी काम को अवश्य ही बल पूर्वक मार डाल।
English Translation:- The Blessed Lord advised -: Therefore, O Arjuna, restrain the senses first and control your sinful desires, the enemy of Gyan or knowledge.
Random Posts
- 100+ Sanskrit Shloks with meaning | संस्कृत श्लोकSanskrit Shlokas आज हम आपके लिए संस्कृत श्लोक हिंदी और इंग्लिश अर्थ के साथ लाये… Read more: 100+ Sanskrit Shloks with meaning | संस्कृत श्लोक
- 15 Bhagavad Gita Quotes in Sanskrit | गीता श्लोकBhagavad gita | भगवद गीता अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति पूरुषः । अनिच्छन्नपि वाष्र्णेय बलादिव… Read more: 15 Bhagavad Gita Quotes in Sanskrit | गीता श्लोक
- 50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोकSanskrit Shlok उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशंति मुखे मृगाः। Hindi… Read more: 50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक