श्रीमद् भगवद् गीता तृतीय अध्याय कर्मयोग
उत्सीदेयुरिमे लोका न कुर्यां कर्म चेदहम् |
सङ्करस्य च कर्ता स्यामुपहन्यामिमा: प्रजा: || २४ ||
utsīdeyur ime lokā na kuryāṁ karma ched aham
sankarasya cha kartā syām upahanyām imāḥ prajāḥ
Hindi Translation:- इसलिये यदि मैं कर्म न करूँ तो ये सब मनुष्य नष्ट-भ्रष्ट हो जायँ और मैं संकरता का करने वाला होऊँ तथा इस समस्त प्रजा को नष्ट करने वाला बनूं।
English Translation:- These worlds would if I did no do action, I would be the cause of confusion of castes and I would destroy these beings.
Random Posts
- 100+ Sanskrit Shloks with meaning | संस्कृत श्लोकSanskrit Shlokas आज हम आपके लिए संस्कृत श्लोक हिंदी और इंग्लिश अर्थ के साथ लाये… Read more: 100+ Sanskrit Shloks with meaning | संस्कृत श्लोक
- 15 Bhagavad Gita Quotes in Sanskrit | गीता श्लोकBhagavad gita | भगवद गीता अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति पूरुषः । अनिच्छन्नपि वाष्र्णेय बलादिव… Read more: 15 Bhagavad Gita Quotes in Sanskrit | गीता श्लोक
- 50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोकSanskrit Shlok उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशंति मुखे मृगाः। Hindi… Read more: 50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक