श्रीमद् भगवद् गीता तृतीय अध्याय कर्मयोग
अर्जुन उवाच
ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन |
तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव || १ ||
arjuna uvācha
jyāyasī chet karmaṇas te matā buddhir janārdana
tat kiṁ karmaṇi ghore māṁ niyojayasi keśhava
Hindi Translation:- अर्जुन बोले -: हे जनार्दन! यदि आपको कर्म की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है तो फिर हे केशव ! मुझे भयंकर कर्म में क्यों लगाते हैं।
English Translation:- Arjuna asked -: O Lord KRISHNA, if you claim that Gyan or Knowledge is better than one’s Karma or responsibility, the why do you ask me to fight this battle?
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