श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
अर्जुन उवाच
स्थितप्रज्ञस्य का भाषा समाधिस्थस्य केशव |
स्थितधी: किं प्रभाषेत किमासीत व्रजेत किम् || ५४ ||
arjuna uvācha
sthita-prajñasya kā bhāṣhā samādhi-sthasya keśhava
sthita-dhīḥ kiṁ prabhāṣheta kim āsīta vrajeta kim
Hindi Translation:- अर्जुन बोले :- हे केशव ! समाधि में स्थित परमात्मा को प्राप्त हुए स्थिर बुद्भि पुरुष का क्या लक्षण है ? वह स्थिर बुद्भि पुरुष कैसे बोलता है, कैसे बैठता है और कैसे चलता है।
English Translation:- Arjuna asked the Lord :- Dear KESHAVA (Krishna), what are the characteristics of a man who is very wise, has a firm intellect and is placed or engrossed in a superconscious state? How does this type of person speak, sit and walk?
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