श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
सुखदु:खे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ |
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि || ३८ ||
sukha-duḥkhe same kṛitvā lābhālābhau jayājayau
tato yuddhāya yujyasva naivaṁ pāpam avāpsyasi
Hindi Translation:- जय-पराजय, लाभ-हानि और सुख-दुःखों को समान समझकर उसके वाद युद्ध के लिये तैयार हो जा : इस प्रकार युद्ध करने से तू पाप को नहीं प्राप्त होगा।
English Translation:- The Blessed Lord spoke unto Arjuna -: O ARJUNA, by considering victory and defeat, pleasure and pain, gain and loss with indifference, you will not commit any sin.
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