श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
देही नित्यमवध्योऽयं देहे सर्वस्य भारत |
तस्मात्सर्वाणि भूतानि न त्वं शोचितुमर्हसि || ३० ||
dehī nityam avadhyo ’yaṁ dehe sarvasya bhārata
tasmāt sarvāṇi bhūtāni na tvaṁ śhochitum arhasi
Hindi Translation:- हे अर्जुन ! यह आत्मा सबके शरीरों में सदा ही अवध्य है। इस कारण सम्पूर्ण प्राणियों के लिए तू शोक करने के योग्य नहीं है।
English Translation:- ARJUNA, although the body can be slain, the Soul cannot. The Soul of a being lives on forever, therefor it is not necessary to grieve over anybody’s death because the most important part of them never dies at all, and that is, their Souls.
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