श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सत: |
उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्त्वदर्शिभि: || १६ ||
nāsato vidyate bhāvo nābhāvo vidyate sataḥ
ubhayorapi dṛiṣhṭo ’nta stvanayos tattva-darśhibhiḥ
Hindi Translation:- असत् वस्तु की सत्ता नहीं है और सत् का अभाव नहीं है। इस प्रकार इन दोनों का ही तत्त्व तत्त्वज्ञानी पुरुषों द्वारा देखा गया है।
English Translation:- The Blessed Lord stated -: The unreal does not exist and the real always exists. Those with peaceful, pure and wise minds, know the truth about both the real and unreal.
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