श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग
तस्मान्नार्हा वयं हन्तुं धार्तराष्ट्रान्स्वबान्धवान् |
स्वजनं हि कथं हत्वा सुखिन: स्याम माधव || ३७ ||
tasmān nārhā vayaṁ hantuṁ dhārtarāṣhṭrān sa-bāndhavān
sva-janaṁ hi kathaṁ hatvā sukhinaḥ syāma mādhava
Hindi Translation:- अतएव हे माधव ! अपने ही बान्धव धृतराष्ट्र के पुत्रों को मारने के लिये हम योग्य नहीं हैं ; क्योंकि अपने ही कुटुम्ब को मारकर हम कैसे सुखी होंगे।
English Translation:- O KRISHNA, why should we kill our own loved ones and kinsmen when no happiness or good can come out of so doing?
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