श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग
निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव |
न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे || ३१ ||
nimittāni cha paśhyāmi viparītāni keśhava
na cha śhreyo ’nupaśhyāmi hatvā sva-janam āhave
Hindi Translation:- हे केशव ! मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख रहा हूँ तथा युद्ध में स्वजन-समुदाय को मारकर कल्याण भी नहीं देखता।
English Translation:- I cannot see any good in slaughtering and killing my friends and relatives in battle. O KRISHNA, I have no use nor desire for victory, empire or even materialistic pleasures.
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