श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग
योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागता: |
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षव: || २३ ||
yotsyamānān avekṣhe ’haṁ ya ete ’tra samāgatāḥ
dhārtarāṣhṭrasya durbuddher yuddhe priya-chikīrṣhavaḥ
Hindi Translation:- दुर्बुद्भि दुर्योधन का युद्ध में हित चाहनेवाले जो-जो ये राजा लोग इस सेना में आये हैं, इन युद्ध करनेवालों कों मैं देखूंगा।
English Translation:- I desire to see all of those great warrior kings who have gathered here to fight alongside the evil-minded DURYODHANA (son of Dhrtarashtra).