श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग
सञ्जय उवाच
दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।
आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत् ।। २।।
sanjaya uvacha
drishtva tu pandavanikam vyudham duryodhanastada
acharyamupasangamya raja vachanamabravit
Hindi Translation:- संजय बोले:- उस समय राजा दुर्योधन ने व्यूह रचनायुक्त्त पाण्डवों की सेना को देखकर और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा।
English Translation:- Sanjaya explained:- Now seeing that the army of the PANDAVAS was set up properly, the Price DURYODHANA called his teacher, DRONA, to his side and spoke these words.
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