संस्कृत भाषा में ज्ञान का भंडार छिपा हुआ है। यह हमें जीवन, नैतिकता, और संबंधों के बारे में गहन दृष्टिकोण प्रदान करती है। सुभाषित छोटे लेकिन गहन और सारगर्भित श्लोक होते हैं जो जीवन को दिशा देने वाली सीख देते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ सुंदर संस्कृत सुभाषित प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनका अर्थ हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया गया है।
सूक्ति
“अज्ञता कस्य नामेह नोपहासाय जायते।”
हिंदी में अर्थ : इस संसार में अज्ञानता किसके लिए उपहास का कारण नहीं बनती?
English Translation : In this world, ignorance does not spare anyone from becoming a subject of ridicule.
व्याख्या : यह सुभाषित इस बात को उजागर करता है कि अज्ञानता अक्सर लोगों को उपहास या मजाक का पात्र बना देती है। जब व्यक्ति को किसी विषय का ज्ञान नहीं होता, तो वह उस विषय पर कोई ठोस निर्णय या बात नहीं कर पाता, और ऐसे में उसे समाज में उपहास का सामना करना पड़ता है। यह हमें सिखाता है कि ज्ञान प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि हम समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें और अज्ञानता के कारण हंसी का पात्र न बनें।
Explanation : This subhashita highlights the fact that ignorance often leads people to become the object of ridicule. When a person lacks knowledge on a subject, they are unable to make sound decisions or speak confidently, making them vulnerable to mockery by others. The verse teaches us that acquiring knowledge is crucial to living a life of respect and avoiding situations where ignorance leads to embarrassment.