संस्कृत भाषा में ज्ञान का भंडार छिपा हुआ है। यह हमें जीवन, नैतिकता, और संबंधों के बारे में गहन दृष्टिकोण प्रदान करती है। सुभाषित छोटे लेकिन गहन और सारगर्भित श्लोक होते हैं जो जीवन को दिशा देने वाली सीख देते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ सुंदर संस्कृत सुभाषित प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनका अर्थ हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया गया है।
सूक्ति
“अकालमेघवद् वित्तमकस्मादेति याति च।”
हिंदी में अर्थ : वित्त (धन) अकाल के बादलों के समान अचानक आता है और अचानक चला जाता है।
English Translation : Wealth, like untimely clouds, arrives suddenly and departs just as unexpectedly.
व्याख्या : यह सुभाषित इस तथ्य को दर्शाता है कि धन का आना और जाना अनिश्चित और अस्थिर होता है। जैसे अकाल के बादल अचानक प्रकट होते हैं और फिर बिना किसी निश्चितता के चले जाते हैं, वैसे ही धन भी कभी-कभी बिना पूर्व संकेत के आता है और किसी भी समय गायब हो सकता है। इसका उद्देश्य यह सिखाना है कि धन का भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक और बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए। व्यक्ति को धन के साथ अत्यधिक लगाव नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह स्थायी नहीं होता।
Explanation : This subhashita highlights the uncertain and transient nature of wealth. Just like untimely clouds appear suddenly and disappear without warning, wealth can come unexpectedly and leave just as quickly. The verse teaches that one should not become overly attached to wealth, as it is not permanent. It also implies that one must handle wealth wisely and with care, understanding that it is fleeting and unpredictable.