श्रीमद् भगवद् गीता तृतीय अध्याय कर्मयोग
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन: |
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते || २१ ||
yad yad ācharati śhreṣhṭhas tat tad evetaro janaḥ
sa yat pramāṇaṁ kurute lokas tad anuvartate
Hindi Translation:- श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण करता है, अन्य पुरुष भी वैसा-वैसा ही आचरण करते हैं। वह जो कुछ प्रमाण कर देता है, समस्त मनुष्य-समुदाय उस के अनुसार बरतने लग जाता है।
English Translation:- If a great man sets an example for the world, the world will follow him. Whatever standards or values he sets, people generally will follow the same set of standards and values.
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