श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
तस्माद्यस्य महाबाहो निगृहीतानि सर्वश: |
इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता || ६८ ||
tasmād yasya mahā-bāho nigṛihītāni sarvaśhaḥ
indriyāṇīndriyārthebhyas tasya prajñā pratiṣhṭhitā
Hindi Translation:- इसलिये हे महाबाहो ! जिस पुरुष की इन्द्रियाँ, इन्द्रियों के विषयों से सब प्रकार निग्रह की हुई हैं, उसी की बुद्भि स्थिर है।
English Translation:- O ARJUNA, therefore with senses under control, protected from sensual objects, not only does one have the ability to reason things out properly, but also gains peace of mind leading to eternal bliss and happiness.
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