श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
भोगैश्वर्यप्रसक्तानां तयापहृतचेतसाम् |
व्यवसायात्मिका बुद्धि: समाधौ न विधीयते || ४४ ||
bhogaiśwvarya-prasaktānāṁ tayāpahṛita-chetasām
vyavasāyātmikā buddhiḥ samādhau na vidhīyate
Hindi Translation:- करने वाली है, उस वाणी द्वारा जिनका चित्त हर लिया गया है, जो भोग और ऐश्वर्य में अत्यन्त आसक्त्त हैं, उन पुरुषों की परमात्मा में निश्चयात्मिका बुद्भि नहीं होती।
English Translation:- O ARJUNA, these ignorant people who seek pleasure through material possessions and prosperity, are brainwashed and obsessed with the desire for more and mire material pleasure. Because of this brainwashed state of mind and this obsession, they are unable to think logically, and lack the wisdom to make wise decisions for themselves in life.
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