श्रीमद् भगवद् गीता द्वितीय अध्याय सांख्ययोग
अथ चेतत्त्वमिमं धर्म्यं संग्रामं न करिष्यसि |
तत: स्वधर्मं कीर्तिं च हित्वा पापमवाप्स्यसि || ३३ ||
atha chet tvam imaṁ dharmyaṁ saṅgrāmaṁ na kariṣhyasi
tataḥ sva-dharmaṁ kīrtiṁ cha hitvā pāpam avāpsyasi
Hindi Translation:- किंतु यदि तू इस धर्मयुक्त्त युद्ध को नहीं करेगा तो स्वधर्म और कीर्ति को खोकर पाप को प्राप्त होगा।
English Translation:- By not fighting this war, O ARJUNA, you are committing a sin because you fail to perform your duty as a warrior and you also will lose your honour.
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