श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग
अहो बत महत्पापं कर्तुं व्यवसिता वयम् |
यद्राज्यसुखलोभेन हन्तुं स्वजनमुद्यता: || ४५ ||
aho bata mahat pāpaṁ kartuṁ vyavasitā vayam
yad rājya-sukha-lobhena hantuṁ sva-janam udyatāḥ
Hindi Translation:- हा ! शोक ! हमलोग बुद्भिमान् होकर भी महान् पाप करने को तैयार हो गये हैं, जो राज्य और सुख के लोभ से स्वजनों को मारने के लिये उधत हो गये हैं।
English Translation:- Moreover, it is a great shame, that knowing and understanding everything, we are still ready to commit such a great sin of killing our kinsmen, just because of greed for kingdom and pleasures.
Random Posts
- 10+ रामायण व महाभारत की समानताएं | Similarities of Ramayana and Mahabharataआज हम जानेगे की रामायण व महाभारत में क्या-क्या समानताएँ है। वैसे तो रामायण व… Read more: 10+ रामायण व महाभारत की समानताएं | Similarities of Ramayana and Mahabharata
- 100+ Sanskrit Shloks with meaning | संस्कृत श्लोकSanskrit Shlokas आज हम आपके लिए संस्कृत श्लोक हिंदी और इंग्लिश अर्थ के साथ लाये… Read more: 100+ Sanskrit Shloks with meaning | संस्कृत श्लोक
- 15 Bhagavad Gita Quotes in Sanskrit | गीता श्लोकBhagavad gita | भगवद गीता अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति पूरुषः । अनिच्छन्नपि वाष्र्णेय बलादिव… Read more: 15 Bhagavad Gita Quotes in Sanskrit | गीता श्लोक