श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग
दोषैरेतै: कुलघ्नानां वर्णसङ्करकारकै: |
उत्साद्यन्ते जातिधर्मा: कुलधर्माश्च शाश्वता: || ४३ ||
doṣhair etaiḥ kula-ghnānāṁ varṇa-saṅkara-kārakaiḥ
utsādyante jāti-dharmāḥ kula-dharmāśh cha śhāśhvatāḥ
Hindi Translation:- इन वर्णसंकरकारक दोषों से कुलघातियों के सनातन कुल धर्म और जाती-धर्म नष्ट हो जाते हैं।
English Translation:- The everlasting traditions, customs and principles of a caste are destroyed when different castes join together and create mixed-blood generations. This leads to confusion of a caste’s customs.
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