Devraj sevaman meaning | देवराज सेव्यमान अर्थ
देव राज सेव्य मान पावनांघ्रि पङ्कजं
व्याल यज्ञ सूत्र मिन्दु शेखरं कृपा करम् ।
नारदादि योगि वृन्द वन्दितं दिगंबरं
काशिका पुराधि नाथ कालभैरवं भजे ॥१॥
Deva-Raaja-Sevyamaana-Paavana-Angghri-Pankajam
Vyaala-Yajnya-Suutram-Indu-Shekharam Krpaakaram |
Naarada-[A]adi-Yogi-Vrnda-Vanditam Digambaram
Kaashikaa-Pura-Adhinaatha-Kaalabhairavam Bhaje ||1||
Hindi Translation:- जिनके पवित्र चरण-कमल की सेवा देवराज इन्द्र सदा करते रहते हैं तथा जिन्होंने शिरोभूषण के रूप में चन्द्रमा और सर्प का यज्ञोपवीत धारण किया है। जो दिगम्बर-वेश में हैं एवं नारद आदि योगियों का समूह जिनकी वन्दना करता रहता है, ऐसे काशी नगरीके स्वामी कृपालु कालभैरव की मैं आराधना करता हूँ।।१।।
English Translation:- Salutations to Lord Kalabhairava, the supreme lord of Kashi, whose lotus feet are revered by Lord Indra, king of the devas; who has a snake as his sacrificial thread, a moon on his head and is very compassionate; who is praised by Narada, sage of the gods, and other yogis; who is a Digambara, wearing the sky as his dress, symbolizing his free being.
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