50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक

1
23000
sanskrit shlok, sanskrit shlok on karma

Sanskrit Shlok

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशंति मुखे मृगाः।

Hindi Translation:- कोई भी काम उद्यम ( मेहनत ) से ही पूरा होता है, बैठे-बैठे हवाई किले बनाने से नहीं अर्थात सिर्फ सोचने भर से नहीं। ठीक उसी प्रकार सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं चला जाता। 

English Translation:- Any work is accomplished by hard work, not just by thinking. In the same way, As the deer does not enter the mouth of the sleeping lion.


उद्योगिनं पुरुषसिंहं उपैति लक्ष्मीः
दैवं हि दैवमिति कापुरुषा वदंति।
दैवं निहत्य कुरु पौरुषं आत्मशक्त्या
यत्ने कृते यदि न सिध्यति न कोऽत्र दोषः।

Hindi Translation:- उद्योगी ( मेहनती ) तथा साहसी लोगों को ही लक्ष्मी प्राप्त होती है। यह तो निकम्मे लोग हैं जो कहते रहते हैं कि भाग्य में होगा तो मिल कर रहेगा। भाग्य को मारो गोली, जितनी तुम्हारे पास योग्यता और शक्ति है, अपना उद्यम ( मेहनत ) करते रहो, यदि प्रयत्न करने पर भी सफलता नहीं मिलती है तो इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं।

English Translation:- Only hard working and courageous people get money. These are useless people who keep saying that if they are in luck then they will meet. As much as you have ability and power, Keep doing your hard work, if you do not get success even after trying, then there is no fault of yours.


क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत् ।
क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम् ॥

Hindi Translation:- एक एक क्षण गवाये बिना विद्या ग्रहण करनी चाहिए और एक एक कण बचा करके धन ईकट्ठा करना चाहिए। क्षण गवाने वाले को विद्या कहाँ और कण को क्षुद्र समझने वाले को धन कहाँ ?

English Translation:- One should take knowledge without losing a single moment and save every particle and collect money. The one who lost the moment does not get knowledge And those who consider particle as small do not get money.


रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।
राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।

Hindi Translation:- भगवान श्रीराम धर्म के मूर्त स्वरूप हैं, वे बड़े साधु व सत्यपराक्रमी हैं। जिस प्रकार इंद्र देवताओं के नायक है, उसी प्रकार भगवान श्रीराम हम सबके नायक है।

English Translation:- Lord Rama is dharma incarnate. He is pious. His strength is truth. He is king of all the worlds like Indra to the gods.


यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे।
कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते ॥

Hindi Translation:- दूसरे लोग जिसके कार्य, व्यवहार, गोपनीयता, सलाह और विचार को कार्य पूरा हो जाने के बाद ही जान पाते हैं, वही व्यक्ति ज्ञानी कहलाता है।

English Translation:- The person who knows his actions, behavior, confidentiality, and thoughts after completion of the task is the same person who is intelligent


sanskrit shlok, sanskrit shlok on karma

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥

Hindi Translation:- दानवों के महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी तरह से यह रक्षा सूत्र तुम्हें बांधती हुं। हे रक्षा तुम स्थिर रहना, स्थिर रहना।

English Translation:- I am tying a Raksha to you, similar to the one tied to Bali the powerful king of demons. Oh Rakshaa, be firm, do not waver.


आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः 
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति 

Hindi Translation:- मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही उनका सबसे बड़ा शत्रु होता है परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता

Laziness resides in human body is their biggest enemy


विद्वत्त्वं दक्षता शीलं सङ्कान्तिरनुशीलनम् ।
शिक्षकस्य गुणाः सप्त सचेतस्त्वं प्रसन्नता ॥

Hindi Translation:- विद्वत्व, दक्षता, शील, संक्रांति, अनुशीलन, सचेतत्व, और प्रसन्नता – ये सात शिक्षक के गुण हैं

English Translation:- Scholar, Expertise, Humility, Generosity, wise and always in dhyanam and Happy are the virtue of a Guru.


पुस्तकस्था तु या विद्या, परहस्तगतं च धनम् !
कार्यकाले समुत्तपन्ने न सा विद्या न तद् धनम् 

Hindi Translation:- किताब में रखी विद्या व दूसरे के हाथो में गया हुआ धन कभी भी जरुरत के समय काम नहीं आते


काव्य-शास्त्र-विनोदेन कालो गच्छति धीमताम्।
व्यसनेन तु मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा॥

Hindi Translation:- बुद्धिमान लोगों का समय काव्य और शास्त्र का विनोद करने में व्यतीत होता है, जब कि मूर्खों का समय व्यसन, नींद व कलह में व्यतीत होता है।

English Translation- The time of the wise passes by entertainment with arts and sciences. that of the foolish goes by troubles, sleep or quarrel.


संतोषवत् न किमपि सुखम् अस्ति ॥ .

Hindi Translation:- संतोष के समान कोई सुख नहीं है !! (जिस इंसान ने संतोष रूपी पूंजी प्राप्त कर ली है उस इंसान ने सब कुछ प्राप्त कर लिया है ) 


यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।

Hindi Translation:- हे भारत जबजब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तबतब मैं स्वयं को प्रकट करता हूँ।। साधु पुरुषों के रक्षण दुष्कृत्य करने वालों के नाश तथा धर्म संस्थापना के लिये मैं प्रत्येक युग में प्रगट होता हूँ।।

English Translation :- Whenever and wherever there is a decline in religious practice, O descendant of Bharata, and a predominant rise of irreligion(Adharma)—at that time I descend Myself. In order to deliver the pious and to annihilate the miscreants, as well as to reestablish the principles of religion(Dharma), I advent Myself millennium after millennium.


यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।
विभवे यस्य सन्तुष्टिस्तस्य स्वर्ग इहैव हि ॥ 

Hindi Translation:- जिसका पुत्र वशीभूत हो, पत्नी वेदों के मार्ग पर चलने वाली हो और जो वैभव से सन्तुष्ट हो, उसके लिए यहीं स्वर्ग है।


sanskrit shloka from bhagavad gita

sanskrit shlok, sanskrit shlok on karma

मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।

Hindi Translation:- मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण है। 

English Translation :- The Mind is the only reason for confinement and salvation of a person. 


न ही कश्चित् विजानाति किं कस्य श्वो भविष्यति।
अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्॥

Hindi Translation:- कल क्या होगा यह कोई नहीं जानता है इसलिए कल के करने योग्य कार्य को आज कर लेने वाला ही बुद्धिमान है।

English Translation :- No one knows what is going to happen tomorrow. So doing all of tomorrow’s task today is a signature of wise.


अरावप्युचितं कार्यमातिथ्यं गृहमागते।
छेत्तुः पार्श्वगताच्छायां नोपसंहरते द्रुमः॥

Hindi Translation:- शत्रु भी यदि अपने घर पर आ जाए तो उसका भी उचित आतिथ्य सत्कार करना चाहिए, जैसे वृक्ष अपने काटने वाले से भी अपनी छाया को कभी नहीं हटाता है।

English Translation :- Even if an enemy comes home, welcome them like any other guest, just as a tree does not withdraw its shade from anyone who comes to cut it.


आढ् यतो वापि दरिद्रो वा दुःखित सुखितोऽपिवा । 
निर्दोषश्च सदोषश्च व्यस्यः परमा गतिः ॥

Hindi Translation:- चाहे धनी हो या निर्धन, दुःखी हो या सुखी, निर्दोष हो या सदोष – मित्र ही मनुष्य का सबसे बड़ा सहारा होता है।


युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दु:खहा॥

Hindi Translation:- जो खाने, सोने, आमोद-प्रमोद तथा काम करने की आदतों में नियमित रहता है, वह योगाभ्यास द्वारा समस्त भौतिक क्लेशों को नष्ट कर सकता है।

English Translation :- Those who are disciplined in eating and recreation, balanced in work, and regulated in sleep, can mitigate all sorrows by practicing Yoga.


sanskrit shloka on guru

शनैः पन्थाः शनैः कन्था शनैः पर्वतलङ्घनम्।
शनैर्विद्या शनैर्वित्तं पञ्चैतनि शनैः शनैः॥

Hindi Translation:- राह धीरे धीरे कटती है, कपड़ा धीरे धीरे बुनता है, पर्वत धीरे धीरे चढा जाता है, विद्या और धन भी धीरे-धीरे प्राप्त होते हैं, ये पाँचों धीरे धीरे ही होते हैं।

English Translation :-The road gets trodden little by little. The cloth is woven little by little. The mountain is climbed little by little. Knowledge and money are also gained little by little. All these five things are attained little by little.


संस्कृत श्लोक

आत्मार्थं जीवलोकेऽस्मिन् को न जीवति मानवः।
परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति।

Hindi Translation:- इस जीवलोक में स्वयं के लिए कौन नहीं जीता ? परंतु, जो परोपकार के लिए जीता है, वही सच्चा जीना है।

English Translation:- In this world everyone lives to satisfy his/her own interests. But those persons live a real and prosperous life, who live for the sake of helping others.


उद्योगे नास्ति दारिद्रयं जपतो नास्ति पातकम्।
मौनेन कलहो नास्ति जागृतस्य च न भयम्॥ 

Hindi Translation:- उद्यम से दरिद्रता तथा जप से पाप दूर होता है। मौन रहने से कलह और जागते रहने से भय नहीं होता।


न कश्चित कस्यचित मित्रं न कश्चित कस्यचित रिपु: ।
व्यवहारेण जायन्ते, मित्राणि रिप्वस्तथा ।।

Hindi Translation:- न कोई किसी का मित्र होता है, न कोई किसी का शत्रु। व्यवहार से ही मित्र या शत्रु बनते हैं।

English Translation:- Neither is anyone’s friend nor enemy, because of work and circumstances that people become friend and enemies.


sanskrit shlokas with hindi meaning

उपदेशोऽहि मूर्खाणां प्रकोपाय न शांतये।
पयःपानं भुजंगानां केवलं विषवर्धनम्॥

Hindi Translation:- मूर्खों को सलाह देने पर, उन्हें गुस्सा आता है यह उन्हें शांत नहीं करता है। जिस प्रकार सांप को दूध पिलाने पर उसका जहर बढ़ता है।

English Translation:- Advice given to fools, makes them angry and not calm them down. Just like feeding a snake with milk, increases its venom.


यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः । 
समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते ॥

Hindi Translation:- जो व्यक्ति सरदी-गरमी, अमीरी-गरीबी, प्रेम-धृणा इत्यादि विषय परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होता और तटस्थ भाव से अपना राजधर्म निभाता है, वही सच्चा ज्ञानी है।


विवादो धनसम्बन्धो याचनं चातिभाषणम् ।
आदानमग्रतः स्थानं मैत्रीभङ्गस्य हेतवः॥

Hindi Translation:- वाद-विवाद, धन के लिये सम्बन्ध बनाना, माँगना, अधिक बोलना, ऋण लेना, आगे निकलने की चाह रखना – यह सब मित्रता के टूटने में कारण बनते हैं।

English Translation:- Quarrel, financial relations, begging, excessive talking, borrowing, and desire for competition – these are the reasons that break a friendship.


karma shlok in sanskrit

अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम् ।
अधनस्य कुतो मित्रममित्रस्य कुतः सुखम् ॥

Hindi Translation:- आलसी इन्सान को विद्या कहाँ ? विद्याविहीन को धन कहाँ ? धनविहीन को मित्र कहाँ ? और मित्रविहीन को सुख कहाँ ? !! अथार्त जीवन में इंसान को कुछ प्राप्त करना है तो उसे सबसे पहले आलस वाली प्रवृति का त्याग करना होगा


धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः।
तत्त्वेभ्यः सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते॥

Hindi Translation:- धर्म को जाननेवाले, धर्म मुताबिक आचरण करनेवाले, धर्मपरायण, और सब शास्त्रों में से तत्त्वों का आदेश करनेवाले गुरु कहे जाते हैं।


आहार निद्रा भय मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम्।
धर्मो हि तेषामधिको विशेष: धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः॥

Hindi Translation:- आहार, निद्रा, भय और मैथुन– ये तो इन्सान और पशु में समान है। इन्सान में विशेष केवल धर्म है, अर्थात् बिना धर्म के लोग पशुतुल्य है।

English Translation:- Eating sleep, fear and Copulation. these habits are common between human beings and animals. It is Dharma ( Here Dharma Represent Knowledge not different religion / Right conduct) which is additional important quality of human beings, without which he is same as an animal.


sanskrit shlokas for students

पश्य कर्म वशात्प्राप्तं भोज्यकालेऽपि भोजनम् ।
हस्तोद्यम विना वक्त्रं प्रविशेत न कथंचन । ।

Hindi Translation:- भोजन थाली में परोस कर सामने रखा हो पर जब तक उसे उठा कर मुंह में नहीं डालोगे , वह अपने आप मुंह में तो चला नहीं जाएगा।


niti shloka in sanskrit

नाभिषेको न संस्कारः सिंहस्य क्रियते वने।
विक्रमार्जितसत्वस्य स्वयमेव मृगेन्द्रता॥

Hindi Translation:- सिंह को जंगल का राजा नियुक्त करने के लिए न तो कोई अभिषेक किया जाता है, न कोई संस्कार। अपने गुण और पराक्रम से वह खुद ही मृगेंद्रपद प्राप्त करता है।

English Translation:- here is no official coronation (RaajyaBhishek) ceremony held or any samskar performed to declare that Lion is the king of jungle. He becomes king by his own attributes and heroism (‘Parakram’).


sanskrit shlokas with english meaning

त्यजेदेकं कुलस्यार्थे ग्रामस्यार्थे कुलं त्यजेत्।
ग्रामं जनपदस्यार्थे आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत्।

Hindi Translation:- कहते हैं कि कुल की भलाई के लिए की किसी एक को छोड़ना पड़े तो उसे छोड़ देना चाहिए। गांव की भलाई के लिए यदि किसी एक परिवार का नुकसान हो रहा हो तो उसे सह लेना चाहिए। जनपद के ऊपर आफत आ जाए और वह किसी एक गांव के नुकसान से टल सकती हो तो उसे भी झेल लेना चाहिए। पर अगर खतरा अपने ऊपर आ पड़े तो सारी दुनिया छोड़ देनी चाहिए ।


sanskrit shlok geeta

दारिद्रय रोग दुःखानि बंधन व्यसनानि च।
आत्मापराध वृक्षस्य फलान्येतानि देहिनाम्।

Hindi Translation:- दरिद्रता , रोग, दुख, बंधन और विपदाएं तो अपराध रूपी वृक्ष के फल हैं। इन फलों का उपभोग मनुष्य को करना ही पड़ता है।


sanskrit shlok on karma

न गृहं गृहमित्याहुः गृहणी गृहमुच्यते।
गृहं हि गृहिणीहीनं अरण्यं सदृशं मतम्।

Hindi Translation:- घर तो गृहणी (घरवाली) के कारण ही घर कहलाता है। बिन गृहणी तो घर जंगल के समान होता है।


सत्यं अपि तत् न वाच्यं यत् उक्तं असुखावहं भवति।

Hindi Translation:- यदि बात सच हो पर उसे सुनने पर किसी को कष्ट होता हो तो उसे नहीं कहना चाहिए ।


अदेशकालज्ञमनायतिक्षमं यदप्रियं लाघवकारि चात्मनः।
यच्चाब्रवीत् कारणवर्जितं वचो, न तद्भच: स्यात् विषमेव तद्भच:।

Hindi Translation:- यदि कोई आदमी कोई बात किसी ऐसी जगह कहता है जहां वह बात नहीं कहीं जानी चाहिए, या ऐसे समय पर कहता है जब वह बात नहीं कही जानी चाहिए, कोई ऐसी बात कहता है जो अशुभ है, या किसी को प्रिय नहीं लगती, या जिससे उसका ही ओछापन प्रकट होता है, या जिसे कहने का कोई कारण ही नहीं है, तो वह बात बात नहीं रहती, उसे विष समझना चाहिए।


मानात् वा यदि वा लोभात् क्रोधात् वा यदि वा भयात्।
यो न्यायं अन्यथा ब्रूते स याति नरकं नरः।

Hindi Translation:- कहा गया है कि यदि कोई अहंकार के कारण, लोभ से, क्रोध से या डर से गलत फैसला करता है तो उसे नरक को जाना पड़ता है।


परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्।

Hindi Translation:- धर्म है क्या? धर्म है दूसरों की भलाई। यही पुण्य है। और अधर्म क्या है? यह है दूसरों को पीड़ा पहुंचाना। यही पाप है।


श्रूयतां धर्मसर्वस्वं, श्रुत्वा चैवावधार्यताम्।
आत्मनः प्रतिकूलानि, परेषां न समाचरेत्।।

Hindi Translation:- धर्म का सार तत्व यह है कि जो आप को बुरा लगता है वह काम आप दूसरों के लिए भी न करें ।


निर्विषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा।
विषं भवतु मा वास्तु फटाटोपो भयंकरः।

Hindi Translation:- सांप जहरीला न हो पर फुफकारता और फन उठाता रहे तो लोग इतने से ही डर कर भाग जाते हैं। वह इतना भी न करे तो लोग उसकी रीढ़ को जूतों से कुचल कर तोड़ दें।


महाजनस्य संपर्क: कस्य न उन्नतिकारक:।
मद्मपत्रस्थितं तोयं धत्ते मुक्ताफलश्रियम्

Hindi Translation:- महाजनों गुरुओं के संपर्क से किस की उन्नति नहीं होती। कमल के पत्ते पर पड़ी पानी की बूंद मोती की तरह चमकती है।


सुसूक्ष्मेणापि रंध्रेण प्रविश्याभ्यंतरं रिपु:
नाशयेत् च शनै: पश्चात् प्लवं सलिलपूरवत्

Hindi Translation:- नाव में पानी पतले छेद से भीतर आने लगता है और भर कर उसे डूबा देता है, उसी तरह शत्रु को घुसने का छोटा रास्ता या कोई भेद मिल जाए तो उसी से भीतर आ कर वह कबाड़ कर ही देता है।


रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातं
भास्वानुदेष्यति हसिष्यति पङ्कजश्रीः।
इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे
हा हन्त हन्त नलिनीं गज उज्जहार॥

Hindi Translation:- रात खत्म होकर दिन आएगा, सूरज फिर उगेगा, कमल फिर खिलेगा- ऐसा कमल में बन्द भँवरा सोच ही रहा था, और हाथी ने कमल को उखाड़ फेंका।

English Translation:- The night will pass, the dawn will arrive, the sun will rise, and the lotus shall bloom again; thought the bee stuck in the lotus bud, oh, but, an elephant uprooted the lotus!


विद्या विवादाय धनं मदाय
शक्तिः परेषां परिपीडनाय।
खलस्य साधोर् विपरीतमेतद्
ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय॥

Hindi Translation:- दुर्जन की विद्या विवाद के लिये, धन उन्माद के लिये, और शक्ति दूसरों का दमन करने के लिये होती है। सज्जन इसी को ज्ञान, दान, और दूसरों के रक्षण के लिये उपयोग करते हैं।

English Translation:- The mischievous use their education for conflict, money for intoxication, and power for oppressing others. Honest ones use it for knowledge, charity, and protecting others, respectively.


sanskrit shlok in english

तावत्प्रीति भवेत् लोके यावद् दानं प्रदीयते ।
वत्स: क्षीरक्षयं दृष्ट्वा परित्यजति मातरम्

Hindi Translation:- लोगों का प्रेम तभी तक रहता है जब तक उनको कुछ मिलता रहता है। मां का दूध सूख जाने के बाद बछड़ा तक उसका साथ छोड़ देता है।

English Translation:- People love only as long as they get something. After the mother’s milk dries the calf leaves the mother with it.


Sanskrit Shlok on mother

निचे दिए गए संस्कृत श्लोक में कवि द्वारा अद्भुत श्लोक लिखा गया है जिसमें एक माँ ( हिरण ) शिकारी से प्रार्थना कर रही है:-

sanskrit shlok on mother

आदाय मांसमखिलं स्तनवर्जमंगे
मां मुञ्च वागुरिक याहि कुरु प्रसादम् ।
अद्यापि शष्पकवलग्रहणानभिज्ञः
मद्वर्त्मचञ्चलदृशः शिशवो मदीयाः ।।

Hindi Translation:- हे शिकारी! तुम मेरे शरीर के प्रत्येक भाग को काटकर अलग कर दो। लेकिन,बस मेरे दो स्तनों को छोड़ दो। क्योंकि, मेरा छोटा बच्चा जिसने अभी घास खाना शुरू नहीं किया है। वे बड़ी आकुलता से मेरी प्रतीक्षा कर रहा होगा। अगर मैं उसे दूध नहीं पिलाऊँगी तो वह निश्चित रूप से मर जाएगा । तो कृपया मेरे स्तनों को छोड़ दो।

English Translation:- Hey hunter! You cut and separate each part of my body. But, just leave my two breasts. Because, my little kid who has not started eating grass yet. They must have been waiting for me very eagerly. If I don’t feed him, he will definitely die. So please leave my breasts.


sanskrit shlok on mother

न मातु: परदैवतम्।

Hindi Translation:- मां से बढ़कर कोई देव नहीं है।

English Translation:- There is no god better than mother.


माता पर संस्कृत श्लोक

सर्वतीर्थमयी  माता  सर्वदेवमयः  पिता 
मातरं पितरं तस्मात्  सर्वयत्नेन पूजयेत् 

Hindi Translation:- मनुष्य के लिये उसकी माता सभी तीर्थों के समान तथा पिता सभी देवताओं के समान पूजनीय होते है। अतः उसका यह परम् कर्तव्य है कि वह् उनका अच्छे से आदर और सेवा करे।

English Translation:- To a person his mother is an object of veneration and his  father is like all the Gods combined. It is, therefore, his sacred duty that he should revere and serve both of them with utmost care and attention.


sanskrit shlok on mother

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

Hindi Translation:- माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं।

English Translation:- Mother and Motherland are more than heaven.


आपदामापन्तीनां हितोऽप्यायाति हेतुताम् ।
मातृजङ्घा हि वत्सस्य स्तम्भीभवति बन्धने ॥

Hindi Translation:- जब विपत्तियां आने को होती हैं, तो हितकारी भी उनमें कारण बन जाता है।
बछड़े को बांधने मे माँ की जांघ ही खम्भे का काम करती है।

English Translation:- When calamities befall, even a wellwisher becomes a cause of them.
It is the leg of the mother that serves as the pillar for tying the calf.


नास्ति मातृसमा छाय
नास्ति मातृसमा गतिः।
नास्ति मातृसमं त्राणं
नास्ति मातृसमा प्रपा॥

Hindi Translation:- माता के समान कोई छाया नहीं, कोई आश्रय नहीं, कोई सुरक्षा नहीं। माता के समान इस विश्व में कोई जीवनदाता नहीं॥

English Translation:- There is no shade like a mother, no resort-like a mother, no security like a mother, no other ever-giving fountain of life!


sanskrit shlok on shiva

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खं
न मन्त्रो न तीर्थं न वेदो न यज्ञः |
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता
चिदानन्द रूप: शिवोऽहं शिवोऽहम् ||

na punyam na papam na sokhyam na dukham
na mantro na tirtham na vedo na yagyah |
aham bhojanam neva bhojyam na bhokta
chidanand rupah shivoham shivoham ||

हिंदी अनुवाद :- न मैं पुण्य हूँ, न पाप, न सुख और न दुःख, न मन्त्र, न तीर्थ, न वेद और न यज्ञ, मैं न भोजन हूँ, न खाया जाने वाला हूँ और न खाने वाला हूँ, मैं चैतन्य रूप हूँ, आनंद हूँ, शिव हूँ, शिव हूँ…

English translation :- I am not virtuous, neither sin, nor happiness nor sorrow, nor mantra, nor pilgrimage, nor Vedas nor yajna, I am neither food, nor will I eat, nor am I to eat, I am conscious form, am bliss, I am Shiva, I am Shiva…


lord shiva slokas

प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं
गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।
खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं
संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ‘

Praatah Smaraami Bhava-Bhiiti-Haram Suresham
Ganggaa-Dharam Vrssabha-Vaahanam-Ambikesham |
Khattvaangga-Shuula-Varada-Abhaya-Hastam-Iisham
Samsaara-Roga-Haram-Aussadham-Advitiiyam ||

हिंदी अनुवाद :- संसार के भय को नष्ट करने वाले, देवेश, गङ्गाधर, वृषभवाहन, पार्वतीपति, हाथमें खट्वाङ्ग एवं त्रिशूल लिये और संसाररूपी रोग का नाश करने के लिये अद्वितीय औषध-स्वरूप, अभय एवं वरद मुद्रायुक्त हस्त वाले भगवान् शिव का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ।

English translation :- God Shiva, the one who destroys the fear of the world, Devesh, Gangadhar, Vrishabavahan, Parvatipati, having Khatwang and Trishul in his hand and Unique form of medicine to eradicate worldly diseases, Abhay and Varad Stamped hand The ones I remember in the morning.


shiva dhyana sloka

shiva dhyana sloka

ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं
रत्नाकल्पोज्ज्वलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम् ।
पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं
विश्वाद्यं विश्ववन्द्यं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम् ॥

Dhyaye nnityam mahesham rajata
Girinibham charuchandravatansam
Ratna kalpo jjvalaṅgam parasu
Mragavara bhitihastam prasannam ।

Padma sinam samantat stuta
Mamara ganair vyaghrakrttim vasanam
Visvadyam visvabijam nikhila
Bhayaharam pancavaktram trinetram ॥

हिंदी अनुवाद :- चाँदी के पर्वत के समान जिनकी श्वेत चमक है, जो सुन्दर चन्द्रमा को आभूषण के रूप में धारण करते हैं, रत्नमय अलङ्कारों से जिनका शरीर उज्ज्वल है, जिनके हाथों में परशु, मृग, वर और अभय मुद्रा है, जो प्रसन्न है, कमल के फूल के आसन पर विराजमान है, देवतागण जिनके चारों ओर खड़े होकर स्तुति करते हैं, जो बाघ की खाल पहनते हैं, जो विश्वके आदि जगत्की उत्पत्ति के बीज और समस्त भय को हरनेवाले हैं, जिनके पाँच मुख और तीन नेत्र हैं, उन महेश्वरका प्रतिदिन ध्यान करे।

English translation :- Like a silver mountain, which has white glow. Those who wear the beautifull moon as ornaments, Whose body is bright with Gemstone decking, Whose hands are the Halberd, antelope, var and abhaya mudra, he who is happy, Sitting on a lotus flower mat, Gods around whom they stand and praise, Those who wear tiger skin, is the originator of the universe and annihilates all fears , Those who have five faces and three eyes, We meditate on Such Maheshwar daily.


shiv chama yachna slokas

shiv chama yachna slokas

करचरण कृतं वा क्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम् ।
विहितम विहितं वा सर्वमे तत्क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

Karacharana kritam Vaa kkaayajam Karmajam Vaa,
Shravananayanajam Vaa Maanasam Vaaparaadham,
Vihitamavihitam Vaa Sarvametatkshamasva,
Jaya Jaya Karunaabdhe Shri Mahaadeva Shambho

हिंदी अनुवाद :- हे भगवान शिव, कृपया मेरे हस्त, चरण, वाणी, शरीर या अन्य किसी भी शरीरके कर्म करने वाले अंग से या कान, नेत्र या मन से हुए सभी अपराधको क्षमा करें। हे महादेव, शम्भो! आपके करुणाके सागर हैं, आपकी जय हो।

English translation :- Lord Shiva, please forgive all the crimes committed by my hand, feet, speech, body or any other body-doing body or by ear, eye or mind. O Mahadev, Shambho! Your compassion is the ocean, hail you.


shiv namaskar sloka

मंदाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय
नन्दी श्वर प्रमथ नाथ महेश्वराय।
मन्दार पुष्प बहुपुष्प सु पूजिताय
तस्मै मकाराय नमः शिवाय॥

mandakini salila chandana charchitaya
nandisvara pramathanatha mahesvaraya
mandara pushpa bahupushpa supujitaya
tasmai ma karaya namah shivaya

हिंदी अनुवाद :- जो शिव आकाशगामिनी मन्दाकिनी के पवित्र जल से संयुक्त तथा चन्दन से सुशोभित हैं, और नन्दीश्वर तथा प्रमथनाथ आदि गण विशेषों एवं षट् सम्पत्तियों से ऐश्वर्यशाली हैं, जो मन्दार–पारिजात आदि अनेक पवित्र पुष्पों द्वारा पूजित हैं; ऐसे उस मकार स्वरूप शिव को मैं नमस्कार करता हूँ।

English translation :- I bow to Lord Mahesvara, who is embodied as Makaara (letter Ma), whose body is anointed with holy waters from the river Ganges and sandal paste, who is the sovereign king of the Pramatha Ganas and who is adorned with innumerable divine flowers such as Mandara.


shiv namaskar mantra

न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो॥

Na Jaanaami Yogam Japam Naiva Puujaam
Natoham Sadaa Sarvadaa Shambhu-Tubhyam ।
Jaraa Janma Duhkhau gha Taatapyamaanam
Prabho Paahi Aapanna Maam Iisha Shambho ॥

हिंदी अनुवाद :- मैं न तो जप जानता हूँ, न तप और न ही पूजा। हे शम्भो(शिव), मैं तो सदा सर्वदा आपको ही नमन करता हूँ। हे प्रभो! बुढ़ापा तथा जन्म के दु:ख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दु:खों से रक्षा कीजिए। हे शम्भो, मैं आपको नमस्कार करता हूं।

English translation :- I do Not Knowhow to perform Yoga, Japa or Puja. I Always at All Times only Bow down to You, O Shambhu (Shiva), Please Protect me from the Sorrows of Birth and Old Age, as well as from the Sins which lead to Sufferings, Please Protect me O Lord from Afflictions; Protect me O My Lord Shambhu.


mahadev sloka

मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्रणनेत्रे।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायु
श्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम्॥

Mano buddhi ahankara chittani naham
Na cha shrotravjihve na cha ghraana netre
Na cha vyoma bhumir na tejo na vayuhu
Chidananda rupah shivo’ham shivo’ham

हिंदी अनुवाद :- मैं न तो मन हूं, न बुद्धि, न अहंकार, न ही चित्त हूं, मैं न तो कान हूं, न जीभ, न नासिका, न ही नेत्र हूं, मैं न तो आकाश हूं, न धरती, न अग्नि, न ही वायु हूं, मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

English translation :- I am not mind, nor intellect, nor ego, nor the reflections of the inner self. I am not the five senses. I am beyond that. I am not the ether, nor the earth, nor the fire, nor the wind (i.e. the five elements). I am indeed, That eternal knowing and bliss, Shiva, love and pure consciousness.


mahakal shlok

श्वेतदेहाय रुद्राय श्वेतगंगाधराय च।
श्वेतभस्माङ्गरागाय श्वेतस्वरूपिणे नमः।।

shvet dehay rudray shvet gangadharay cha
shvet bhasmanga ragaya shvet svrupine namah

हिंदी अनुवाद :- श्वेत देह वाले, श्वेत गंगा को मस्तक पर धारण करने वाले, श्वेत भस्म को शरीर पर धारण करने वाले, श्वेत स्वरूप भगवान् शिव को नमन करता हूँ

English translation :- Those with white bodies, who wear the white Ganges on the forehead, those who wear the white ash on the body, bow to the white form, Lord Shiva


यह भी पढ़ें

Sanskrit Shlok on father | पिता पर संस्कृत श्लोक
sanskrit shlok on mother

चाणक्य नीति chanakya niti के यह 10 श्लोक आपको रखेगी हमेशा दूसरों से आग


1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here